वैदिक विश्व के अनुयायी मानते हैं कि सभी त्योहारों को उनके पीछे निहित आध्यात्मिक उद्देश्यों को समझकर मनाया जाना चाहिए। योग-विज्ञान (योगशास्त्र) वैदिक परंपरा की आधारशिला है। इसलिए वैदिक जीवन की सभी गतिविधियाँ योगशास्त्र पर आधारित हैं। योग का अर्थ है आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए किए गए वैज्ञानिक प्रयास; इसी कारण त्योहारों को भी वैज्ञानिक दृष्टि से मनाने पर ज़ोर दिया जाता है।
इस पुस्तक में काकाजी ऋतुओं के पीछे छिपे विज्ञान, उनके नाम, उनका महत्व तथा उनसे जुड़े त्योहारों को मनाने की विधियों पर चर्चा करते हैं। उदाहरण के लिए—विजयादशमी के दिन राम द्वारा रावण-वध का प्रतीकात्मक अर्थ साधक की अपनी दुष्प्रवृत्तियों पर विजय है। ‘सीमोल्लंघन’ (नगर-सीमा का अतिक्रमण) का अर्थ है कि साधक को सामान्य मनुष्य के लिए निर्धारित सीमाओं से आगे बढ़ना चाहिए और ज्ञान रूपी सोने का वितरण करना चाहिए।
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